शिवकुमार उपवाल खड़ी कलम…..✍️
धार । मध्यप्रदेश के धार जिले के उमरबन में हुए मुख्यमंत्री कन्यादान योजना के सबसे बड़े सामूहिक विवाह समारोह जिसमे करीब 2100 नवदंपत्ति शादी के अटूट बंधन में बंधे जिन्हे आशिर्वाद देने मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव भी इस आयोजन में शामिल हुए। प्रशासन की ओर से इस वर्ष होने वाले सामूहिक विवाह समारोह का यह एक विशाल आयोजन था जिसमे प्रत्येक जोड़े को कन्यादान योजना का लाभ भी दिया गया है परन्तु धार जिला प्रशासन ने वाह वाही लूटने की होड़ में प्रदेश के मुख्यमंत्री के हाथों ऐसा काम करवा दिया जिसने हिन्दू धर्म मे होने वाली विवाह रस्मो का मजाक बना कर रख दिया एक प्रकार से देखा जाए तो धर्म की ध्वजा उठाने वाले ओर श्रीराम का नारा लगाने वाले मुख्यमंत्री मोहन यादव सामूहिक मुख्यमंत्री कन्यादान योजना में भीड़ के साथ जोड़ो की संख्या देख भले ही धार प्रशासन की पीठ थपथपा गए हो किन्तु विवाह समारोह में उड़ी विवाह रस्मो की धज्जियाँ ओर हिन्दू विवाह धार्मिक कर्मकांड के अपमान से अनभिज्ञ रहगए। मुख्यमंत्री यादव ने वही देखा जो धार प्रशासन ने उन्हें दिखाया पर कन्यादान योजना के सामूहिक कार्य की हकीकत कुछ और ही थी। सामूहिक विवाह समारोह के पंडाल की अंतिम छोर की पंक्तियों में बहुत से पंजीकृत जोड़े ऐसे थे जो सिर्फ इस समारोह में विवाह के नाम पर औपचारिक हाजरी लगाने आए थे जिन्होंने ना तो किसी प्रकार से कोई रस्म निभाई ना ही फेरे लिए।
शादी तो हमारी एक महीने बाद है….
उमरबन में हुए मुख्यमंत्री कन्यादान योजना के सामूहिक विवाह समारोह कार्यक्रम में धार जिले के हर क्षेत्र से जोड़े शामिल हुए थे। उमरबन में संम्पन्न हुए इस विवाह समारोह में एक हैरान करने वाली बात निसरपुर क्षेत्र से आए जोड़ो में देखने को मिली। समारोह में रजिस्ट्रेशन करवा कर हवन कुंड के सामने बैठे नव दंपत्ति सिर्फ प्रशासन की रजिस्ट्रेशन संख्या खानापूर्ती करते दिखाई दिए। जब पंडाल में मौजूद निसरपुर क्षेत्र के जोड़े से बात की तो उनका कहना था यह सिर्फऔपचारिकता है शादी तो हमारी अगले महीने में है इसी लिए हमने अभी फेरे भी नही लिए है।
अज्ञानता के अभाव में उल्टे लगाए फेरे….
मुख्यमंत्री कन्यादान योजना के सामूहि विवाह समारोह में कई प्रकार की अनियमितता देखने को मिली। धर्म और संस्कृति की दुहाई देने वालो की आखों के सामने जो अज्ञानता का काम किया गया यह समझ से परे दिखाई दिया। प्रशासन द्वारा सामूहिक विवाह के इतने बड़े आयोजन में किसी ने इस ओर ध्यान नही दिया कि कितने ही जोड़े ऐसे थे जिनके लिए यह समझ पाना मुश्किल था कि आखिर करना क्या है और माईक से किस प्रकार के निर्देश दिए जा रहे है। इसी ना समझी ओर अज्ञानता के चलते कुछ जोड़े पिछली पंक्ति में ऐसे भी दिखाई दिए जिन्होंने अपने जीवन साथी के साथ उल्टे ही अग्नि के फेरे लगा लिए।

